सबसे पहले यह समझना जरूरी हैै कि लाॅक डाउन कोरोना संक्रमण रोकने के लिये क्यों जरूरी है। यह तो स्पष्ट हो चुुका है। कोरोना वायरस मानव से मानव में फैलता है, लेकिन हवा सेे नहीं, केवल जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता, छीकता या बोलता हैै तो यह वायरस उनके निकट मौजूद व्यक्ति पर पहुंचता है और उसके नाक व मुंह के जरिये उसके शरीर में घुसकर उसे संक्रमित कर सकता है। अगर वह हाथ या शरीर के अन्य खुले हिस्सों पर पहुंचता हैै तो मुंह व नाक पर हाथ लगाने से भी वह शरीर के अन्दर जाकर संक्रमित कर सकता है। इसीलिये इसे रोकने के तीन उपायों सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क तथा सही से हाथ धोने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग इसलिये जरूरी हैै कि किसी भी संक्रमित व्यक्ति की छींक, खांसी या बोलने से यह वायरस केवल एक-डेढ़ मीटर तक ही जा सकता हैै। इसीलिये डेढ़ मीटर या अधिक दूरी पर खड़े व्यक्ति संक्रमित नहीं होंगे। मास्क का काम भी वायरस को नाक व मंुह से बाहर आने से रोकना है। हाथ धोना चाहे सेने टाइज सेे साफ किये जाये या साबुन या हैैंडवाश से धोये जायें, यह हाथ पर वायरय आनेे प उसे साफ करनेे या समाप्त करने के लिये आवश्यक है। मूल रूप से सोशल डिस्टेंसिंग बनाने तथा संक्रमित व्यक्तियों की पहचान के लिये ही लाॅकडाउन का सहारा लिया जाता है। जहां लाॅकडाउन में आवाजाही सीमित करके संक्रमित व संक्रमित होने योग्य व्यक्तियोें को एक ही स्थान पर रखकर संक्रमण फैलने से रोक लिया जाता हैै साथ ही एक ही स्थान पर 14 दिन से अधिक रोेके रखने सेे संक्रमित व्यक्तियोें केे लक्षण सामने आने से उनकी पहचान करके उनका इलाज संभव हो पाता है और संक्रमण के सामुदायिक रूप से फैलने पर रोक लग जाती हैै। इसी उद्देश्य के लिये ही संदिग्ध लोेगों को घर या अस्पताल में क्वारंइाटन (अलग थलग) रखकर उन्हें संक्रमण फैलने से रोेका जाता हैै। उल्लेखनीय है कि वायरस शरीर में आने पर इसके लक्षण खांसी, जुकाम, बुखार आदि 2 से 14 दिन के अन्दर स्पष्ट दिखाई देने लगते हैं।
जानिये लाॅकडाउन क्यों जरूरी है
- Post author:Yug Nirmata
- Post published:30th March 2020
- Post category:Coronavirus / Health
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