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BNS ka Parichay

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बी.एन.एस. का परिचय पुस्तक भारतीय न्याय संहिता (बी.एन.एस.) की जानकारी को सरल हिन्दी में प्रस्तुत करती है। लेखक नदीम उद्दीन (एडवोकेट) द्वारा लिखित इस पुस्तक में 12 अध्याय और एक विशेष परिशिष्ट शामिल हैं, जिसमें बी.एन.एस. और पूर्व भारतीय दण्ड संहिता (आई.पी.सी.) की धाराओं का तुलनात्मक विवरण दिया गया है। यह पुस्तक अपराधों की प्रकृति, संज्ञेय और बिना वारंट गिरफ्तारी योग्य अपराधों, जमानतीय और अजमानतीय अपराधों की जानकारी भी प्रदान करती है। आम जनता के लिये यह पुस्तक कानूनी जागरूकता का महत्वपूर्ण साधन है।


Description

बी.एन.एस. का परिचय एक विशेष कानूनी जागरूकता पुस्तक है, जिसे 45 जागरूक पुस्तकों के लेखक और 33 वर्षों के अनुभवी अधिवक्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) द्वारा लिखा गया है। यह पुस्तक भारतीय न्याय संहिता (बी.एन.एस.) की जानकारी को सरल हिन्दी भाषा में आम जनता के लिये प्रस्तुत करती है।

इस पुस्तक का उद्देश्य केवल वकील, मजिस्ट्रेट, जजों और पुलिस कर्मियों के लिये ही नहीं बल्कि हर आम आदमी के लिये बी.एन.एस. की जानकारी को सुलभ बनाना है। अपराध नियंत्रण तथा न्याय पाने और दिलाने के लिये इस संहिता की जानकारी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

पुस्तक में कुल 12 अध्याय और एक विशेष परिशिष्ट शामिल हैं। इनमें बी.एन.एस. का विस्तृत परिचय, पूर्व लागू भारतीय दण्ड संहिता (आई.पी.सी.) की धाराओं और बी.एन.एस. की संशोधित धाराओं की सूची शामिल की गयी है। इसके साथ ही, बी.एन.एस. के रोजमर्रा प्रयोग वाले प्रावधानों का सरल हिन्दी में विवरण दिया गया है। “जब अपराध नहीं होता” अध्याय में विभिन्न कार्यों के विशेष परिस्थिति में अपराध न होने का विवरण भी शामिल है।

पुस्तक में अवैध मानव वध (कत्ल), चोट, बंदी व हमला, अपहरण, महिला और बाल अपराध, धमकी व अपमान, सम्पत्ति छीनने, सम्पत्ति अधिकारों और संगठित व आतंकवादी अपराधों के अध्याय शामिल हैं। हर अध्याय में अपराध की प्रकृति, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अनुसार संज्ञेय और बिना वारंट गिरफ्तारी योग्य अपराधों का विवरण भी दिया गया है। इसके अलावा, जमानतीय और अजमानतीय अपराधों का वर्णन तथा न्यायालय द्वारा विचाराधीन अपराधों की जानकारी भी शामिल की गई है।

यह पुस्तक युगनिर्माता पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित है। इससे पहले, श्री नदीम ने सूचना अधिकार, मानवाधिकार, उपभोक्ता अधिकार, भ्रष्टाचार, चुनाव, आयकर, वैट, जी.एस.टी. आदि विषयों पर 44 पुस्तकें प्रकाशित की हैं।